कामवाली बाई--भाग(६)

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मुरारी बोला... मैं गौरी से पहली बार तब मिला था जब वो दसवीं में पढ़ती थी,एक दिन वो साइकिल से स्कूल जा रही थी और उसकी साइकिल का टायर पंचर हो गया,वो खड़ी होकर इधर उधर देखने लगी कि शायद उसे कोई साइकिल पंचर ठीक करने वाले की दुकान दिख जाएं,तभी उसके ही स्कूल के दो लड़के उसके पास आकर उल्टी सीधी फब्तियाँ कँसने लगें,गौरी बहुत डर गई क्योंकि वो एक सीधी सादी लड़की थी इसलिए उन लड़कों से वो कुछ नहीं कह पा रही थी,तभी मैं वहाँ से गुजरा और गौरी को बहुत परेशान देखा तो मैनें उन लड़कों