ये इश़्क हाय..

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रामसखा....ओ...रामसखा....दरवाजा खोल भाई! रामसखा की नींद खुली और उसने सोचा इतनी रात को कौन आया है? उसने दरवाज़ा खोला तो देखा उसका बचपन का दोस्त चरनदास खड़ा है.... चरनदास को देखकर रामसखा बोला... क्या हुआ?इतनी रात गए क्या काम पड़ गया? कैलाशी की तबियत बहुत खराब है उसने तुझे बुलाया है?चरनदास बोला।। लेकिन क्यों बुलाया है मुझे?रामसखा ने पूछा।। वो तेरे आखिरी बार दर्शन करना चाहती है,चरनदास बोला।। लेकिन आज से बीस साल पहले ही तो उसने मुझे धिक्कार कर उस गाँव से निकाला था तो फिर आज मैं क्यों जाऊँ उससे मिलने?रामसखा बोला.... भाई! उसकी मजबूरी थी?चरनदास बोला।। ऐसी