कुछ दिन और बीत गए पर अमायरा के लिए मुश्किल भरे थे। वोह अभी भी उस बात को हज़म नहीं कर पा रही थी जो उसे उसकी मॉम से सुनने को मिला था। वोह यह बात एक्सेप्ट नही कर पा रही थी की उसकी मॉम ने कितनी आसानी से उसका हक किसी और को दे दिया था, ताकि इशिता को कभी बुरा ना लगे। वैसे आज से पहले उसे इशिता के लिए अपने मन में कोई खटास महसूस नही हुई थी लेकिन आज उसे देख कर उसे गुस्सा आने लगा था। इशिता तो थी ही अमायरा की नजर में गुनहगार,