मेल - भाग 2

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सूरज दिनभर अपनी ड्यूटी करकर थक गया है। इसलिए उसने अपनी किरणों की समेटना शुरू कर दिया है। मौसम वैज्ञानिक इस स्थिति को शाम कहते है। जिसका बच्चों के लिए मतलब सिर्फ बाहर खेलने जाना है। अब एक बार फिर कृति घर में अकेली हो गई है। जिस कारण उसका ध्यान फिर एक बार महेश की यादों में चला गया है। पर अबकी बार ध्यान उन अच्छे पलों की तरफ गया है। जिनमें वे एक दूसरे से मिले थे। अब से करीब चौदह साल पहले कॉलेज के दिनों में………कितने अच्छे और खुशनुमा दिन थे। वो हम दोनों के लिए, साथ-साथ