"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी के दिन इतनी ज़रूरी मीटिंग हो तो सहायक कर्मचारियों को तो आना ही पड़ता। आज छुट्टी के दिन मीटिंग रखने का एक खास मकसद था। प्रशासन नहीं चाहता था कि जिस समय चर्चा का ये अंतिम दौर हो या फैसला आए उस समय यहां के छात्र विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद हों। यहां तक कि छात्रसंघ के पदाधिकारी छात्रों को भी नहीं बुलाया