"मैने इतने साल उसकी आंखों की वोह चमक बहुत मिस की। मैं नही जानती की तुम दोनो के बीच यह रिश्ता कहां तक पहुंचा है, लेकिन मैने देखा है की तुम उसकी खुशी के लिए कुछ भी कर जाति हो। अब मुझे वोह बेबस आदमी नही दिखता जो पहले मेरे पास आया करता था। मैं अब उस आदमी को देख रहीं हूं जो एक बार अपनी जिंदगी पूरी तरह से खो चुका था वोह अब फिर से उठने लगा है, जिंदगी जीना फिर से सीखने लगा है। मेरी तुमसे यही इल्तिजा है की हमेशा उसके साथ रहना। उसे तुम्हारी जरूरत