वितंडी

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- सर, मुझसे ये सब सहन नहीं होता। - सहनशीलता... टॉलरेंस, ये एक गुण है। ये जन्मजात भी हो सकता है और इसे विकसित भी किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऐसा करना भी चाहिए। - लेकिन सर, मेरी आत्मा आहत हो जाती है ऐसी बातों से। विभोर का तैश कम नहीं हुआ था। आज शायद वह प्रतिकार के मूड में था। थोड़ी सख्ती मुझे भी बरतनी पड़ी। - देखिए, हमारी आपकी आत्मा किसी की बपौती नहीं है कि कोई भी इसे घायल या आहत कर देगा। और फिर ये तो आपके मानने न