- आप समझने की कोशिश कीजिए मिस्टर, इस तरह बचपना करके आप एक नहीं बल्कि दो- दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. तिवारी ने कहा। - पर डॉक्टर, मैं कैसे समझाऊं आपको कि मानसिक तौर पर इस स्थिति के लिए मैं बिल्कुल तैयार नहीं हूं। यह भी एक अजीब संयोग है कि ऐसा हो गया है और मैं अकारण इतनी परेशानी में पड़ गया हूं। मैं आपको अपनी परिस्थितियों का वास्ता देता हूं। कहते हुए विनीत का स्वर अब लगभग कंठ में अटकने सा लगा था। डॉ. महिमा तिवारी स्टेथेस्कॉप गले में लटकाए अपनी टेबल के क़रीब