अपनी बढ़ती हुई धड़कनों के साथ अमायरा ने दो और कदम बढ़ाए और कबीर को हल्का सा हग कर पीछे हटने लगी की कबीर ने अपनी बाहें उसकी कमर पर रख दी। बहुत ही सहजता से कबीर ने उसे अपनी बाहों में भर लिया था। "छोड़िए मुझे," अमायरा ने कहा। "अभी नही। तुम भूल गई थी मैने तुम्हे मुझे गले लगाने को कहा था। बस छू कर भागने को नही।" कबीर ने कहते हुए अपना मुंह अमायरा की गर्दन में छुपा लिया था। और अमायरा उसकी नज़दीकी से थरथरा उठी। पहल जब भी उसने कबीर को गले लगाया था, उसमे