विक्रम गार्डन में टहलते हुए सिगारेट पी रहा था। अभी थोड़ी देर पहले जो भी शब्द उसने कमरे में बोले वह उसके दिल में उथल पुथल मचा रहे थे। मानो जैसे उसका दिल बैचेन सा हो गया था । पर वह जानता था की अगर आगे बढ़ना है तो अतीत तो भूलना ही होगा। विकी का मन मानो इस बात से साफ इंकार कर रहा था। जैसे मानो उसका दिल इस बात पे बगावत कर रहा था की वह ऐसा सोच भी कैसे सकता है.... स्तुति को भुलाने के बारे में.! । जैसे उसका दिल खुद के शरीर का अंग