तीन घोड़ों का रथ - 9

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सदी बीत गई। इक्कीसवीं सदी अाई। इस नई शताब्दी ने सबसे बड़ा पैग़ाम तो ये दिया कि अब ज़माना बदल गया है। तुमसे बेहतर कहने- सुनने और सोचने वाले आ गए हैं। सदी ने जाते - जाते भारतीय सुंदरता का तोहफ़ा फ़िल्मों को दिया। एक "मिस एशिया", दो "मिस यूनिवर्स" और कई "मिस वर्ल्ड" हिंदी फ़िल्मों को हीरोइनों के रूप में मिलीं। जाहिर है कि अब इनके मुकाबले खड़े होने के लिए नए नायकों की ज़रूरतें भी बढ़ीं। ऐसे में अक्षय खन्ना, सुनील शेट्टी, जॉन अब्राहम, अभिषेक बच्चन, बॉबी देओल आदि का पदार्पण भी फ़िल्मों में हुआ। लेकिन इन सबके