सुबह का अखबार

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सुबह का अखबार यशवन्त कोठारी सुबह होना जितना जरूरी है अखबार होना भी उतना ही जरूरी है। सुबह यदि अखबार नही ंतो लगता ही नहीं की सुबह हो गई। तड़के अखबार का आ जाना बड़ा सुकून देता है पढ़े भले कभी भी मगर अखबार का सुबह होना जरूरी। नेता हो, अभिनेता हो, पत्रकार, पाठक, लेखक, कलाकार, व्यापारी, उद्योगपति, मंत्री, संत्री, अफसर सब को सुबह का अखबार होना जरूरी। समाचारो में कुछ हो या न हो मगर अखबार की सुर्खियों के साथ चाय-पान का आनन्द ही कुछ और है और यदि अखबार में अपनी तारीफ या विरोधी के घर छापा पड़ने