में और मेरे अहसास - 57

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नहीं भूला पा रहे हैं प्यार भरी वो बातेँ lरह रह कर याद आती सुहानी वो रातें ll कई युगों से तलाश रहे थे तस्वीरें जो lवक्त के तैख़्ने मे छुपी प्यारी वो यादें ll चाहें तन मन से कितने ही दूर जाओ lन तोड़ पाएगे खून से बंधे वो धागे ll खुली फ़िज़ाओं मे साथ गुनगुनाए हुए lसदियों तलक गूंजते रहेगे वो गाने ll तानसेन ने गाई और गुनगुनाई हुईं lआज भी सुनाई देती है वो ताने ll२-६-२०२२   ******************************* आज भी बचपन की यादें आँखों में झूलती lबाबुल की वो गलियाँ भुलाये नहीं भूलती ll माँ की प्यारी