आत्म विवाह - 2 - (हनीमून)

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आत्म विवाह भाग-2 (हनीमून)आर 0के 0 लालदूसरे दिन अवकाश था पर वेंकट कल हो रही सोलोगैमी पर चर्चा पूरा करने के लिए परेशान था। वह जल्दी ही नाश्ता करके पान की दुकान पर पहुंच गया। उसके मन में अंतर्द्वंद चल रहा था कि सोलोगैमी अपनाने वाली लड़कियों का दांपत्य जीवन कैसा होता होगा, गुजरात वाली लड़की ससुराल गई होगी या अपने घर में ही मां-बाप के सीने पर मूंग दल रही होगी। फिर उसने अपने आप से कहा, "अब वह मूंग दले या भात बनाए, उसके मां-बाप जाने। उन्हें ही अब सहना पड़ेगा उनकी भी तो भागदारी थी इस प्रकार