कहते हैं प्यार लफ्जों में बयां नहीं होता इसे महसूस किया जाता है .....ऐसी ही कहानी है अथर्व कपूर और आराध्या रायजादा की.... अथर्व कपूर को प्यार पर भरोसा नहीं था.... और वही आराध्या की भी राय कुछ अथर्व से अलग नहीं थी.... आराध्या के चाचा चाची किसी अमीर आदमी के साथ उस की शादी करवाने के लिए तैयार हो गए .....क्योंकि उस आदमी ने उन्हें ढेर सारे पैसे दिए थे..... आराध्या उस शादी से भाग आई और रास्ते में मिली अथर्व कपूर से.... तो क्या होगा इन दोनों को प्यार पहली ही मुलाकात में या फिर होगी टशन बाजी