सदी के नवें दशक की शुरुआत में पुराने स्थापित नायकों के साथ ही राज बब्बर, गोविंदा, कुमार गौरव, कमल हासन, सन्नी देओल, फारुख शेख, विजय अरोड़ा, संजय कपूर आदि कई नए नायक सक्रिय थे। यहां बनने वाली फ़िल्मों की तादाद भी बेतहाशा बढ़ी। इसी दौर में अनिल कपूर, संजय दत्त और जैकी श्रॉफ का नाम चंद बड़ी सफलताओं के साथ जुड़ा। बेहद सफ़ल फ़िल्मों वो सात दिन, रामलखन, मिस्टर इंडिया, बेटा आदि ने अनिल कपूर को उस वक़्त का मिस्टर इंडिया बना दिया। वे एक समय के लिए नंबर वन सितारों की महफ़िल में जा बैठने की कोशिश करते हुए