प्रेम निबंध - भाग 12

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जब आपकी किसी से बात सही ढंग से न हो तब आपको बड़ा अजीब महसूस होने लगता है। की इसके साथ क्या चल रहा है ? मुझे कई दफा बहुत चिंता भी होती थी। लेकिन इनके अंदर मैने हिम्मत तो देखी थी। जो की सच में कमाल की थी। थोड़े सघन वनों की तरह इनका मन हमेशा उलझा पाया। बस पहले जब यहां आई तो मम्मी की याद और अब मेरी याद। दोनो से रूबरू होना तो मुश्किल ही था लेकिन बहुत अनंत बार प्रयास करने पर हम कई दफा एक साथ हो जाते थे जहां कोई हमे परेशान करने