राज-सिंहासन--भाग(९)

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सूरजगढ़ के सैनिकों के जाने के उपरांत सभी जनों का वार्तालाप समाप्त हो चुका था क्योंकि सबको नीलमणी एवं सहस्त्रबाहु की सत्यता ज्ञात हो चुकी थी,कुछ शेष ही नही रह गया था,इसलिए सभी अपनी अपनी कुटिया मेँ लौट गए क्योंकि अब सारी बात सुलझ चुकी थी ,लेकिन अभी सहस्त्र,वीर,सोनमयी,नील और ज्ञानश्रुति बाहर ही थे.... राजकुमारी नीलमणी जब अपने राज्य नहीं लौटीं तो ज्ञानश्रुति ने उनसे प्रश्न किया.... राजकुमारी आप सूरजगढ़ लौट सकतीं थीं किन्तु आप क्यों नहीं लौटीं? इतने वर्षों पश्चात मुझे मेरे भ्राता मिलें हैं,मैं उनसे भी कुछ वार्तालाप करना चाहती थी,मुझे अपना राजभवन तनिक भी नहीं भाता,यहाँ सब