प्रेमी-आत्मा मरीचिका - 2

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प्रेमी-आत्मा मरीचिका - 02 “तो तुम चाहते हो की वो बच्चा तुम्हें दे दिया जाए जिससे की तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को बच्चे का सुख मिल सके और बुढ़ापे की एक उम्मीद, सही कहा मैंने” तेम्बू कुमार की बात पूरी सुने बिना ही बोल पड़ा। अब आगे, “जी सरदार, अगर आप हाँ करें तो” कुमार सिर्फ इतना ही कह पाया। तेम्बू ने अपने मंत्री को उस लड़के को सभा में लेकर आने को कहा, कुछ ही समय बाद वो लड़का सभा के बीचों-बीच खड़ा था। “क्या ये वही लड़का है कुमार?” तेम्बू ने कुमार की ओर देखते हुए पूछा। “