में और मेरे अहसास - 54

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आश टूट रहीं हैं ख्वाइशों की lसाजिश हैं आझमाईशो की ll बड़ी मुद्दतों के बाद मिले है तो lलंबी सूची है फ़रमाइशों की ll रेत सा तपिश हो गया है दिल मेरा lइंतज़ार हैं प्यार की बारिशों की ll हाथ-पाँव में बेड़ियाँ बंदिशों कीं lक्यूँ परवाह करे नालिशों की? कुछ खटक रहा है महफिल में lथोड़ी सी कमी है आराइशों की ll३-५-२०२२    नालिशों -फ़रियादोंआराइशों – सजावटों   ************************************ आज नामा उनका आएगा lआखों मे सैलाब लाएगा ll दास्ताने मुहब्बत पढ़कर lदिल चैन सुकून खोएगा ll अह्सास ए कशमकश से lजाने कब आराम पाएगा? बेआरामी का नामा लेकर lकसीदा वापस