अय्याश--भाग(९)

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जब वीरेन्द्र ने मलखान से बोल-चाल बंद कर दी तो मलखान इस अपमान से तिलमिला गया और वो मन ही मन विन्ध्यवासिनी से बदला लेने की सोचने लगा,उसने सोचा अपने अपमान का बदला लेने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा,इसलिए वो इसके लिए योजनाएं बनाने लगा उसने सोचा पहले मैं सबसे माँफी माँग लेता हूँ जिससे मुझे वीरेन्द्र के घर में फिर से घुसने को मिल जाएगा और फिर मैं अपने अपमान का बदला आसानी से ले सकता हूँ,यही सोचकर वो एक दिन वीरेन्द्र के गोदाम पर पहुँचा और आँखों में झूठ-मूठ के आँसू भरकर उसके पैरों