भानगढ़ - 5

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सुबह समायरा को अलवर के बस अड्डे से बस में चढ़ा कर अमन दिल्ली की ओर निकल पड़ता है | अमन को गाड़ी चलाते हुए कई बार लगा कि समायरा अभी भी उसके साथ है | समायरा की साँस लेने की आवाज और उसके शरीर से आती मादक गंध वह अभी भी महसूस कर रहा था | समायरा का आँसू से भरा चेहरा बार-बार अमन के सामने कौंध रहा था | वह गाड़ी चलाते हुए बुदबुदाया ‘वो जाना नहीं चाह रही थी | लेकिन मजबूरी थी | वरना वो मेरे साथ ही दिल्ली चलती | साथ होती तो मजा आ