सुबह से तेज बारिश हो रही थी | अमन ने कई बार जतिन और ईशान को फ़ोन मिलाने की कोशिश की लेकिन फ़ोन मिलते ही कट रहा था | अमन परेशान हो कर दोनों को मेसेज भेज कुछ देर इन्तजार करता है | काफी देर तक जब मेसेज डिलीवर नहीं होता है तो वह मौसम को गालियाँ देते हुए सामान पैक करने लगता है| वह सामान पैक करते हुए बुदबुदा रहा था ‘साले पहले ही जाने को तैयार नहीं थे | ऊपर से ये मौसम भी उनकी मदद करने में लग गया है | अभी तो मैंने इन दोनों को