साहेब सायराना - 26

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फिल्मी दुनिया फैशन और ठसक के साथ रहने का ज़ुनून बख़्श देती है। यहां ऐसे लोग भी नित नए परिधानों, आभूषणों, कारों और आलीशान घरों में लकदक ज़िन्दगी गुजारते देखे जाते हैं जिन्होंने बरसों से कुछ नहीं कमाया। तो क्या ये नैतिक और जनवादी मूल्यों के प्रतिरोध में बसी हुई कोई बस्ती है? नहीं। दिलीप कुमार का जीवन ऐसा नहीं कहता। दिलीप कुमार फ़िल्मजगत में पैसे की परिक्रमा करते कभी नहीं देखे गए। उनका अभिनय को लेकर एक प्रतिमान था जिसे निभाने में वो ख़र्च होते थे। उन्होंने अपने फिल्मी जीवन में लगभग साठ- बासठ फ़िल्मों में काम किया जिनमें