"मॉम, ये तो सरा सर ब्लैकमेलिंग है। आप हमेशा एक ही बात लेकर क्यों बैठ जाती हैं? आपको बात करने के लिए कोई और टॉपिक नही मिलता? आप जानती हैं ना ये नही हो सकता।" कबीर अपनी नाराजगी जता रहा था। "मैं तेरी मां हूं। तुझे ब्लैकमेल करूंगी? कबीर की मां सुमित्रा बोली। "तोह फिर क्या है ये सब मॉम? "तुझसे बात ही तो कर रही हूं।""पर मुझे नही करनी।""तुझे करनी पड़ेगी। बहुत हो गया तेरा।""मॉम!""सिर्फ एक बार मिल ले बेटा। शायद तू अपना फैसला बदल दे।""यह कभी नही हो सकता, मॉम, कभी भी नही। इतना कह कर कबीर अपनी