संस्कृतियो  का अनोखा मिलन - 5

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सूरज देवता सिर पर चढ़ चुके थे। पर हमेशा जल्दी उठ जाने वाला रोनक अभी भी बिस्तर पर था। रात भर जागने के बाद ना जाने कब सुबह उसकी आँख लगी थी। वह सो रहा था। अचानक एक हवा के झोंके से रोनक के कमरे की खड़की खुल गई। जिसके बाद हवा अंदर आई और ऐमिली का वो खत जो तकिए के नीचे से निकल कर बिस्तर पर आ गया था उड़कर कोने में पड़ी एक टेबल के नीचे जा गिरा। अचानक खिड़की की आवाज से रोनक की नींद खुल गई। वो हड़बड़ाहट में उठा।‌ कमरे में आती धूप देखकर