अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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'नारी तू नारायणी' कहने वाले क्या यह समझते व स्वीकार भी करते हैं कि वास्तव में स्त्री का सम्मान कितना आवश्यक है अथवा जीवन में स्त्री कितनी महत्वपूर्ण है ? यदि इसका उत्तर 'हाँ' में है तो आज भी इतनी असुरक्षा क्यों ?आज भी इतने 'रेप' क्यों ? आज भी स्त्री दूसरे पायदान पर क्यों खड़ी दिखाई देती है ? हम सब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास से परिचित हैं फिर शनैः शनै: यह पूरे विश्व में कैसे और क्यों महत्वपूर्ण दिन बना इस इतिहास से भी परिचित हैं किंतु क्या इससे भी बाबस्ता हैं कि आज हम कहाँ खड़े