समझौता प्यार का दूसरा नाम - 5

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अवधेश जी विमल को वहां से चले जाने को कहते है। विमल भी बिना किसी अगर मगर के वहां से चला जाना ही उचित समझता है। वो इतनी बड़ी बात एक लड़की के पिता से कहने के बाद उन्हें कुछ वक्त सोचने समझने के लिए देना चाहता है। अवधेश जी वसु और पत्नी के साथ वसु के कमरे पर आ गए। सभी ने चेंज किया और रात के खाने की तैयारी होने लगी। वसुधा ने मां को कुछ भी करने से मना कर किचेन में जाने को मना लिया। बोली,"मां तुम गांव में तो करती ही हो अब यहां तो