तांत्रिक योगीनाथ गंभीर होकर बोले “इस तरह के प्रेत को इतनी आसानी से वश में नहीं किया जा सकता, पर तुम परेशान मत हो उसका भी उपाय है मेरे पास और जब तक तुम ये सब करोगे तब तक में उसके आगे की क्रिया के लिए काम कर चूका रहूँगा” इतना कह कर योगीनाथ जी ने रुद्र को एक रुद्राक्ष की माला दी जिसे रुद्र ने अपने गले में पहन लिया और तालाब के अन्दर जाने के लिए आगे बढ़ा। अब आगे प्रेत-लोक १७ तालाब में कदम रखते ही उसे ऐसा लग मानों वो जमीन पर नहीं बल्कि बादलों पर