अन्तिम भाग - खुशी को अमृतसर आए हुए 2 महीने हो गए थे।पर उसका घर में मन ही नही लग रहा था।मम्मी ने दो लड़को से भी मिलवाया।दोनो अच्छे पड़े लिखे थे।दोनो अच्छी खासी जॉब कर रहे थे ।पर खुशी का मन कुछ डिसाइड नही कर पा रहा था। "बात क्या है खुशी,इस बार जब से आई है, तू कुछ उदास है.".खुशी की खास दोस्त रिया ने पूछा "नही..ऐसी कोई बात नही"..खुशी ने जबरन मुस्कुराते हुए कहा। "बचपन से जानती हूं तुझे..मुझे बेवकूफ नहीं बना सकती..जल्दी बता कौन है वो लड़का..जिसके चक्कर में तू बावरी हो रही है?",रिया ने खुशी