पाज़ेब - (अन्तिम भाग)

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फिर शहनाज़ ने हमीदा को हिलाया लेकिन वो नहीं उठी,पानी भी छिड़का चेहरे पर लेकिन वो तब भी होश में ना आई तब शह़नाज़ घबरा गई उसने फौरन मुर्तजा साहब को आवाज़ देकर पुकारा.... मामूजा़न ! देखिए ना ! अम्मीजान को क्या हुआ?इनके बदन मे कोई हरक़त ही नहीं हो रही ।। क्या कहतीं हैं शहनाज़ बेटी? हमीदा के बदन मेँ हरकत नहीं हो रही,ठीक से देखिए ना सिर्फ़ बेहोश हुई होंगीं,इतने कहते कहते वें बावर्चीखाने में आएं, सच में हमीदा बेज़ान सी पड़ी थी,उन्होंने शहनाज़ से कहा कि आप इनका ख्याल रखें हम तब तक मौलवी साहब को लेकर