जीवित मुर्दा व बेताल - 11

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अपने वंश की रक्षा के लिए जमींदार साहब इतना तुक्ष्य कार्य कर सकते हैं गांव वालों ने कभी सोचा भी नहीं था। रात को जमील माझी की पत्नी को जमींदार साहब ने बुलवाया । माझी की पत्नी ने जमींदार साहब के कमरे में आकर प्रश्न किया, " मालिक आप मुझे कहां भेज रहे हैं ? " जमींदार साहब जानते थे कि माझी की पत्नी यह प्रश्न अवश्य पूछेगी इसीलिए उन्होंने उत्तर पहले से ही सोच कर रखा था । " आज हमारे मंदिर के पास वाले बरगद के नीचे एक साधिका आई है । उनके साथ मैंने बात किया ।