" सुनो। तुम्हारा नाम वीर प्रताप है ? " यमदूत ने पिशाच से पूछा।" हां तो। तुमसे मतलब ? " वीर प्रताप का मूड़ जूही की वजह से कुछ खास अच्छा नहीं था।" काफी अच्छा है।" यमदूत ने अपने जूस का गिलास खत्म किया और वह फिर से उदास होकर अपने कमरे में चला गया। " ऐ किन पागल लोगों के बीच में फस चुका हूं मैं। " वीर प्रताप ने अपने ही हाथों से अपने बाल नौचे।दूसरे दिन सुबह जूही वीर प्रताप को बताए बिना स्कूल चली गई। इस बात का सीधा साफ मतलब था। उसका गुस्सा अब तक शांत