प्यार के इन्द्रधुनष - 26

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- 26 - दिल्ली में मनमोहन ने रेनु को बता दिया था कि अब तो मैं परीक्षा की समाप्ति पर ही आऊँगा, बीच में आना सम्भव नहीं होगा। मौसम बदलने लगा था। सुबह-शाम की ठंड होने लगी थी। एक दिन शाम को ड्यूटी से आने के पश्चात् डॉ. वर्मा ने फ़ोन करके रेनु को कहा - ‘ठंड होने लगी है, स्पन्दन को सुबह-शाम गर्म कपड़े ज़रूर पहनाये करो, रेनु।’ ‘दीदी, मैंने तो हफ़्ता पहले से ही एहतियात बरतनी शुरू कर दी है,। .... आपसे मिलना था, आप कब फ़्री होंगी? ‘मैं तो फ़्री हूँ, चाहे अब आ जाओ’, कहने के