स्त्री......(भाग -16)कामिनी तो चली गयी थी। कामिनी के पिताजी ने एक आया रख दी, जो सिर्फ बच्चे को देखती थी......मेरी सास के लिए उनका पोता कान्हा, गोपाल और बाबू था पर कामिनी के लिए वो निशांत था...। मैं और माँ एक दो बार उनके घर गए बच्चे से मिलने.....वो ज्यादा देर बच्चे को उसकी दादी के साथ छोड़ती नहीं थी, झट आया को बुला कर बच्चे को ले जाने के लिए कह देती......उस दिन हम जैसे ही घर आने के लिए उठे तो कामिनी ने कहा...."भाभी अब आप भी बच्चा पैदा कर लो देखो न माँ जी को बच्चे के