में और मेरे अहसास - 43

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शरारत मुहब्बत बन गई है lशराफत इनायत बन गई है ll तुम्हारी याद मे लिखीं हुईं lदैनन्दिनी रवायत बन गई है ll ************************************* दिन तो गूजर जाता है lरात काटे नहीं कटती ll खंजर की तरह चुभती है lयाद टाले नहीं टलती ll   ************************************* हर शाम सुहानी नही होती lकभी पुरी कहानी नही होती।l जैसे सबाब की उम्र नहीं होती lवैसे शराब पुरानी नहीं होती ll मुहब्बत कभी भी हो जाती है lहर इश्क को जवानी नही होती। कई दिल फैक होते हैं जहा मे lहर मुहब्बत रूहानी नहीं होती ll मिलने की तड़प हद से बढ़े तो lमुलाकात