यूं ही कोई मिल गया था.. - 1

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भाग 1 भाई विशाल की बारात में खुशी से झूमते विहान के पांव थम से गए जब उसकी निगाह भाभी के साथ आती लड़की पर पड़ी । आस पास से बेखबर निशा का पूरा ध्यान अपनी दुल्हन बनी दीदी संध्या पर ही था। उसे संभालते हुए स्टेज तक ले आई। पीले रंग का लहंगा उसके पीत रंग में जैसे घुल मिल सा गया था। उसके बाद शादी के सारे कार्यक्रम खुशी खुशी निपटे, निशा परछाई की भांति दीदी के साथ थी । उसे हर पल जब तक दीदी है उसके साथ ही रहना था। उसके सोच का केंद्र बिंदु निशा