शायरी - 9

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दिल को अब दरिया बनाना है, अब मुझे खुद में ही डूब जाना है।तुम्हारी खामोशी से मै परेशान हूं, अब अपना आसिया कबरिस्तान में बनाना है।।क्या अजब की सान है मोला, गज़ब पहचान है मोला।रकीबो का वो बादशाह है, उसे बादशाहत पर गुमान है मोला।।इश्क है तो इश्क सरे अंजाम होना चाहिएनही तो ये सारा जहां वीरान होना चाहिएइश्क है तो इश्क सरे अंजाम होना चाहिएनही तो ये सारा जहां वीरान होना चाहिएउससे कहो कि आकर मुझसे माफ़ी मांगेनहीं तो ये सर कलम सरे बाजार होना चाहिएअब इश्क़ में माफ़ी नहीं होनी चाहिएअगर हो गुस्ताखी तो फिर फांसी