टापुओं पर पिकनिक - 57

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मनप्रीत तब थोड़ा झिझकी जब आसपास से तीन- चार लोग उसे देखने लगे। साजिद पीछे से उसे आवाज़ लगाता हुआ दौड़ा चला आ रहा था पर वो गुस्से में तमतमाई हुई बिना उसकी बात सुने पार्क के गेट की ओर चली आ रही थी। मनप्रीत को लगा कि अगर साजिद उस तक पहुंच गया तो वो उसे रोकने की कोशिश करेगा और सड़क पर बेबात के तमाशा खड़ा हो जाएगा। इसलिए वह तेज़ी से अपने स्कूटर की ओर चली आ रही थी। उधर साजिद ने कई बार उसे पुकारने के बाद जब जेब से निकाल कर स्कूटर की चाबी हवा