नीरजा ने अपनी सामने वाली पड़ोसन के दरवाजे पर लगी घंटी बजाई..... पड़ोसन ने दरवाज़ा खोला और मुस्कुरा दी फिर बोली.... अरे! आप अन्दर आइए ना! जी! अभी टाइम नहीं है,फिर कभी आऊँगी,शुभांशी सो रही है,ये आपका लेटर हमारे घर पर आ गया था,इसलिए देने चली आई,नीरजा बोली। आपकी बेटी बहुत ही प्यारी है,मैने आपकी गोद में उसे आते जाते देखा है,वैसे कितने महीने की है?पड़ोसन ने पूछा।। जी! आठ महीने की पूरी हो चुकी है,नीरजा बोली।। बहुत बढ़िया,वैसे आपका नाम जान सकती हूँ,पुकारने में आसानी होगी,पड़ोसन ने पूछा।। मैं नीरजा और आपका नाम....नीरजा ने पूछा।। मैं सुलक्षणा ! आप