गुम हूं तुम्हारे इश्क़ में - ( भाग - 3 )

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श्रेयांश और प्रणय मोहन विलास पहुंचे । उन्होंने ऑटो वाले को पैसे दिए और मोहन विलास के सामने खड़े हो गए । प्रणय ने अपने फोन में चेक किया , उसी होटल का एड्रेस था जो उसने बुक किया था । दोनों ने बाहर से मोहन विलास देखा , नेट में डाली गई पिक से ज्यादा सुंदर अपने सामने देखने से वह लग रहा था । प्रणय ( होटल को बड़े ध्यान से देखते हुए ) - होटल तो काफी सुंदर लग रहा है यार । हां ...., छोटा जरूर है , लेकिन काफी अट्रेक्टिव है । श्रेयांश - हां....,