मैंने जब तक ताजमहल नही देखा था तो मुझे लगता था की दुनिया कुछ भी कहे ताजमहल इतना भी खूबसूरत नही है, क्योंकि ताज की तस्वीर मेरे कमरे की दीवार से लगी थी और मैं यही हक़ीक़त मानता था कि वो बस इतना ही खूबसूरत है औऱ शायद आज भी। यही मानता हूँ।ज़हन में ख़्वाब ऐसे ही बस जाते है, तुम हक़ीक़त में कैसी भी हो, हम सारी उम्र तुम्हे अपने ख़्वाब की नज़रों से ही देखते रहेंगे, शायद ये पागलपन हैवाकईं जो दिल मे घर कर जाता है क़तई बाहर नही निकलता, तुम्हे देख लिया तो लगा है। जैसे