तांत्रिक योगीनाथ जी एक बार फिर सभी की ओर देख कर इशारे से हाँ या न पूछते हैं पर सभी हाँ में सर हिला कर उनके साथ होने का आश्वासन दे देते हैं, तब योगीनाथ जी कहते हैं “कल अमावस्या की रात है हमें किसी भी तरह इस काम को कल ही अंजाम देना होगा” और वो सभी को अपना-अपना काम बता कर खुद दूसरे कमरे में जा कर ध्यान की मुद्रा में बैठ जाते हैं। अब आगे : रात के करीब ११:०० बज रहें हैं आज अमावस्या की रात्रि है तांत्रिक योगीनाथ जी सभी लोगों रुद्र, मनोज