Rewind ज़िंदगी - Chapter-4.2:  दोस्ती

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Chapter-4.2: दोस्ती“चलो इसी बहाने तूने अच्छा गाया, सब को पसंद तो आया ना?” अरुण ने पूछा।“बहुत पसंद आया, मुझे और कई फिल्मों में गाने का मौका मिला है, बस अरुण तू साथ देना मेरा वरना मैं एकदम से टूट जाऊंगा।” यह कहकर माधव बुरी तरह से फूट-फूट कर रोने लगा। अरुण ने उसे दिलासा देते हुए गले लगा लिया और कहा, “रो मत यार, तेरा बुरा वक़्त और अच्छा वक़्त दोनों एक साथ चल रहे है, तेरी जगह मैं होता तो ये नहीं कर पाता। तू सच में बहुत हिम्मत वाला है।”अरुण ने माहौल सामान्य करने के लिए टॉपिक बदल