धारा के सवाल से देव के चेहरे का रंग उड़ गया !देव ने हकलाते हुए उससे पूछा, " मतलब..?कहना क्या चाहती हो तुम..? मैं याददाश्त जाने का नाटक भर कर रहा हूँ..! जबकि मैं ठीक हूँ , ऐसा...??"धारा, "हां ऐसा... और अब कोई ड्रामा तो करना ही मत प्लीज़...!!""देखो धारा..." बोलते हुए देव जैसे ही खड़ा हुआ लाइट चली गयी !! देव ने तुरंत धारा को अपने करीब खींचा और धीरे से उसके कान में कुछ कहा। और झट से पीछे हटकर अपनी जगह पर खड़ा हो गया ! लाइट फिर से आ गयी।धारा हतप्रभ सी देव को देख रही