पावन ग्रंथ - भगवद्गीता की शिक्षा - 25

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अध्याय अठारह कर्तापन का त्याग द्वारा मोक्ष अनुभव— दादी जी , मैं आपके द्वारा प्रयोग में लाए गए विभिन्न शब्दों के बारे में भ्रम में हूँ । कृपया मुझे स्पष्ट रूप से समझायें कि संन्यास और कर्म योग में क्या अंतर है ? दादी जी— अनुभव,कुछ लोग सोचते हैं कि संन्यास का अर्थ परिवार, घर, संपत्ति को छोड़कर चले जाना और किसी गुफा में, वन अथवा समाज से बाहर किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहना, किंतु भगवान श्री कृष्ण