मैं ईश्वर हूँ - 9 - अंतिम भाग

  • 6.5k
  • 1.7k

मैं ईश्वर हूँ – अंतिम भाग अब तक आपने पढ़ा : मनुष्य अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर अपने इष्ट भगवन के दर्शन करता है और भगवन के द्वारा बताये गए मार्ग अपर चलता हुआ अपनी आत्मा को शरीर से अलग करता है. फिर उसकी आत्मा तीन अलग – अलग चरण से गुजरती हुई अपनी वास्तविक स्थिति को देखती है जहाँ उसे अपने लोगों के द्वारा ही दुःख और सुख दोनों देखना पड़ता है यहाँ कुछ समय बिता कर आत्मा फिर अपने गंतव्य पर चलना चालू कर देती है। अब आगे : बिम्ब अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव पर है