नाड़ीतंत्र प्रथम दो लेखांक दौरान ओरा (Aura) और कुँडलिनी के बारे में चर्चा हुईl नाड़ि के बारे में प्राथमिक बात हुई कि जैसे बिजली, रेडियो या लेसर तरंगे अदृश्य होने के बावजूद भी अस्तित्वम में है और प्रवाहित है उसी तरह से प्राणशक्ति का प्रवाह नाड़िओं के माध्यमसे बहता रहता है| नर्वस सिस्टम स्थूल शरीरमें है जब कि नाड़ीतंत्र प्राणशरीर में स्थित है| एक बहुत ही विशाल, जटिल और प्रकृति ही जिसकी रचना कर सकती है ऐसे व्यवस्थित नाड़ीतंत्र के नेटवर्क द्वारा ऊर्जाका प्रवाह शरीर के प्रत्येक अंग एवं कोष में पहुंचता रहता है| इस हप्ते हम