प्रेम निबंध - भाग 6

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हां,कुछ पल के लिए मैं सब कुछ भूल कर उसे निहारता रहा। सब कुछ इतना आसान नहीं होता। अर्थात किसी को पाना या किसी को अपना बनाना। कोई ऐसी चीज जिसका मुझे आभास भी नही। कभी आप एक शांत जगह पर जाए। और सोचिए कि यह जो भी हो रहा है। यह करने का उचित समय है या नही। क्योंकि यह एक ऐसा नशा है जिसका पान करने के बाद आपको अहसास भी नही होगा की आप कहा है। दारू पीकर ड्राईवर संभल सकता है। मगर कभी इसका पान किया तो फिर आपका फिसलना संभव हो जायेगा। अगर प्रेम सच्चा