धारा - 8

  • 9.7k
  • 3.2k

विमलेश जी के कहे अनुसार अब देव और धारा को हर समय सतर्क रहना था !! " विमलेश अंकल जी के मुताबिक कोई भी इंसान मेरा दुश्मन हो सकता है !! मुझे अब हर इंसान को शक की निगाहों से देखना होगा..!!" बोलकर देव धारा को शक्की निगाहों से देखने लगा। धारा की नज़र जब उसपर गयी तो वो भड़कते हुए बोली, " ए... एक रेप्टा पड़ेगा ना उल्टे हाथ का खींच कर, सारे दांत निकल कर बाहर आ जाएंगे !! मैं तुम्हे तुम्हारी दुश्मन नज़र आ रही हूँ, जो आधी आंखे बन्द करके घूर रहे हो !! तुम्हे मारना